मानव शरीर के रक्त में शर्करा की मात्रा निर्धारित करने की विधि के लिए डी. वाय. पाटिल अभिमत विश्वविद्यालय को पेटेंट की घोषणा की गई है। यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च के शोधकर्ताओं ने “ग्लूकोज सेंसिंग एप्लिकेशन के लिए निकेल टंगस्टन ऑक्साइड फिल्म्स को संश्लेषित करने की विधि” नामक यौगिक तैयारी विधि के लिए पेटेंट प्राप्त किया है। यह यूनिवर्सिटी को मिला 19वां भारतीय पेटेंट है।
डी। वाई पाटिल अभिमत विश्वविद्यालय के शोध प्रमुख प्रो.डॉ सी डी लोखंडे, डॉ. पी एन. पावसकर, डॉ. धनाजी मालवेकर और डॉ. सतीश जाधव ने यह शोध किया है। शोधकर्ताओं द्वारा बनाया गया यौगिक पतले रिबन के रूप में है और इसके लिए एक साधारण रासायनिक विधि का उपयोग किया गया है। एक विद्युत रासायनिक उपकरण में इस यौगिक का उपयोग करके रक्त में शर्करा की मात्रा को सटीक रूप से मापा जा सकता है। इस विधि से शुगर का निदान करते समय लागत भी बचेगी।
सभी शोधकर्ताओं के डॉ. चांसलर पेटेंट हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। संजय डी. पाटील, उपाध्यक्ष विधायक सतेज उर्फ बंटी डी.पाटील, ट्रस्टी विधायक ऋतुराज पाटील, ट्रस्टी एवं शिवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन परिषद सदस्य पृथ्वीराज पाटील, कुलपति डॉ. राकेश कुमार मुदगल व कुलसचिव डॉ. वी वी भोसले ने बधाई दी।