देवलापार से प्रमोद गुप्ता की रिपोर्ट
पिछले कई दिनों से अलग अलग कारणों से चर्चा ग्राम पंचायत देवलापार में एक सदस्य द्वारा बार बार अन्य सदस्यों को अपदस्थ करने की प्रक्रिया जारी थी, जिसमे बिते कार्यकाल में अलग अलग कारणों से तत्कालीन सदस्य रामरतन गजभिये द्वारा देविका रहाटे, मोतीराम खंडाते. गनाराम धुर्वे, संदीप कुमरे आदि को पद से अपात्र कराया गया था.
जिसकी अगली कड़ी में, रामरतन गजभिये द्वारा ग्राम पंचायत देवलापार की वार्ड क्र. 4 की सदस्या शिल्पा मुकेश पेदाम तथा कुमारी मोनिका मधुकर पोवरे इनपर महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम 1959 के कलम 14 (ज) (3) व 16 के अंतर्गत सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का केस दर्ज कराकर जिलाधिकारी कार्यालय में अपील की थी. करीब दो साल चले इस केस में शिल्पा पेंदाम इनकी केस दिनांक 19 जून को फाइनल हुई अप्पर जिलाधिकारी द्वारा तहसीलदार तथा बी डी ओ कार्यालय को संबंधित जगह की चौकशी करने के आदेश दिए गए थे. जिसमे तहसीलदार तथा बी. डी. ओ . कार्यालय ने अपना रिपोर्ट जिलाधिकारी के समक्ष पेश किया, जिस पर शिल्पा मुकेश पेंदाम रह रही जगह उनके ससुरजी मधुकर पेंदाम द्वारा उनकी पत्नी के नाम पर रजिस्टर होने की बात कही गयी है और ये जगह सरकारी नहीं होने का स्पष्ट रिपोर्ट दिया गया है.
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण नहीं होने की वजह से रामरतन मोतीराम गजभिये इनकी अपील को खारिज करने का आदेश अपर जिलाधिकारी आशा पठान द्वारा दिया गया है. इस केस का फैसला शिल्पा पेंदाम इनके पक्ष में जाने के वजह से पहली बार ग्राम पंचायत देवलापार में सदस्यों के पात्र होने का सिलसिला टूटा है. जिलाधिकारी के फैसले पर पेंदाम ने समाधान व्यक्त किया है।