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प्रकृति के साथ एक होना ही जीवन है – कडसिद्धेश्वर महाराज

गगनबावड़ा में आज ईको वैली का उद्घाटन

बोल इंडिया न्यूज़ के लिये कोल्हापुर से
अझरुद्दीन मुल्ला की रिपोर्ट

कोल्हापुर, 28- प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर रहना ही जीवन है। कनेरी मठ के अदृश्य कडसिद्धेश्वर स्वामी ने आज कहा कि प्रकृति के तत्वों को हम अपना मानें तो जीवन सुखमय हो जाएगा।

स्वामी ने अजरी इको वैली का उद्घाटन किया, जिसे गगनवाबदा के वेसरफ में अजरी उद्योग समूह द्वारा स्थापित किया गया था। वह उस समय बात कर रहे थे।

स्वामी जी ने आगे कहा, देश की सात पर्वत श्रृंखलाओं में सहयादी श्रेणी सबसे समृद्ध है। क्योंकि यहां पौधों, पक्षियों और जंगली जानवरों की जैव विविधता प्रचुर मात्रा में है। यह पर्यावरण को संतुलित करने में मदद करता है। मन वन सदा रक्षित रहे॥ लेकिन मनुष्य की यह धारणा है कि सब कुछ मेरे लिए है। इसलिए उसने सभी पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया। वह सोचने लगा कि वह एक सुंदर स्वर्ग बना सकता है और इस तरह पंचमहाभूतों के विनाश के लिए भी जिम्मेदार बन गया।
डी। वाई पाटिल ग्रुप के अध्यक्ष संजय पाटिल ने कहा कि यहां चीनी कारखाने लगने से आज यहां के युवाओं को रोजगार मिला है और साथ ही आज ईको वैली के माध्यम से यहां की जैव विविधता को संरक्षित कर समाज के सामने लाया जाएगा। अगर यहां ऐसी और परियोजनाएं हैं तो क्षेत्र को बदलने में समय लगेगा।

शेखर अजरी ने परिचय में अजरी ईको वैली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, पश्चिमी घाट से निकलकर गगनबावड़ा को प्रकृति ने आशीर्वाद दिया है। यहां के घने जंगल में औषधीय पौधे भी प्रचुर मात्रा में हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 40 साल के अथक परिश्रम के बाद पश्चिमी महाराष्ट्र का पहला एग्रो टूरिज्म सेंटर अजरिज इको वैली की स्थापना की गई है। दस एकड़ में फैले और इको फ्रेंडली इस सेंटर में 15 तरह के एडवेंचर हैं। आइए इसका और विस्तार करें। यहां की डाइट पूरी तरह शाकाहारी होगी। विजय पाटिल ने भी मार्गदर्शन किया।

डॉ। संचालन संदीप पटेल ने किया। अशोक रोकड़े ने धन्यवाद ज्ञापित किया

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