कोल्हापुर/प्रतिनिधि: महाराष्ट्र राज्य मागासवर्ग विद्युत कर्मचारी संघ बिजली कंपनियों में कक्षा 4 से कक्षा 1 के कर्मचारियों, अधिकारियों, इंजीनियरों के एक शैक्षणिक संगठन के रूप में जाना जाता है। इस संगठन का 22वां राज्यव्यापी द्विवार्षिक अधिवेशन 29 और 30 अप्रैल को कोल्हापुर में सुवर्णभूमि लॉन, कोल्हापुर प्रवेश द्वार के पास टोल नाका पर होगा. महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग विद्युत कर्मचारी संघ के महासचिव प्रेमानंद मौर्य और केंद्रीय उपाध्यक्ष आरएस कांबले ने संवाददाताओं से कहा कि यह सम्मेलन न केवल महाराष्ट्र बल्कि देश में भी श्रमिक आंदोलन को उचित दिशा देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा.
मानगांव परिषद से शुरू हुए सामाजिक क्रांति के संघर्ष में सफल होने के लिए और भारत में मजदूरों व कर्मचारियों के भावी संघर्ष की दिशा निर्धारित करने के लिए विभिन्न विषयों पर गंभीर विचार-विमर्श उन्हें नई ऊर्जा और प्रेरणा देगा. मजदूरों की एकजुटता से महाराष्ट्र के सबसे मुनाफे वाले वितरण विभाग को शोषक पूंजीपतियों के हवाले करने का सिलसिला फिलहाल रुका हुआ है, लेकिन संकट अभी भी टला नहीं है. इस संगठन ने राजनीतिक हितों के लिए बिजली कंपनी के कर्मचारियों के दुरुपयोग को रोककर वास्तविक दुश्मन और वास्तविक संकट की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस सम्मेलन में उपरोक्त सभी और कई अन्य विषयों पर चर्चा की जाएगी। इस दो दिवसीय सम्मेलन में पूरे महाराष्ट्र से 4 से 5 हजार कर्मचारी, अधिकारी, इंजीनियर शामिल होंगे.
अधिवेशन का उद्घाटन समारोह शनिवार 29 अप्रैल को प्रातः 11.00 बजे महाप्रशिक्षण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक दिनेश वाघमारे (बी.पी.एस.) द्वारा किया जाएगा। महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विजय सिंघल (बी.पी.एस.), महानिर्ति के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ.पी.अनबलगन (बी.पी.एस.)
वे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। साथ ही स्वतंत्र मजदूर संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएस पाटिल, राष्ट्रीय सचिव एवी किरण व समन्वयक डॉ. क। पी. स्वामीनाथन मुख्य अतिथि होंगे। संस्था के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय घोड़के होंगे।
इस संगोष्ठी में अगले दो दिनों में राष्ट्रीय स्तर के विचारक विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन देने वाले हैं। अधिवेशन दो दिन शनिवार और रविवार को होगा। हालांकि इस अधिवेशन में बड़ी संख्या में लोगों से शामिल होने का अनुरोध किया गया था.प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रकाश थोमके, इंद्रजीत कांबले समेत अन्य पदाधिकारी शामिल हुए.